चंद्रशेखर आजाद रावण (Chandrashekhar Azad Ravan), जो कि भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के संस्थापक हैं, अब उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh Panchayat Election) को 2027 विधानसभा चुनावों से पहले “सेमीफाइनल” मानकर गंभीर तैयारियों में जुट गए हैं।
🔷 Chandrashekhar Azad Ravan का जीवन परिचय
चंद्रशेखर आजाद रावण, दलित अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले नेता हैं। उन्होंने 2015 में भीम आर्मी (Bheem Army) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था—शोषितों को शिक्षित करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना।
उनकी छवि एक आक्रामक लेकिन संवैधानिक तरीके से संघर्ष करने वाले नेता की रही है। उन्होंने हाल ही में संसद सदस्य के रूप में भी शपथ ली है और अब वे राजनीति के मुख्य धारा में दलित राजनीति को मजबूत करने की दिशा में अग्रसर हैं।
🗳️ पंचायत चुनाव की तैयारी में आजाद समाज पार्टी
हाल ही में गाजीपुर में आयोजित एक प्रबुद्ध सम्मेलन में Chandrashekhar Azad Ravan ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी त्रिस्तरीय उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में पूरी ताकत से उतरेगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 403 में से हर सीट पर चुनाव लड़ेगी।
उनके इस ऐलान को राजनीति के नए समीकरण के रूप में देखा जा रहा है, जहां BJP, Samajwadi Party, Congress, और Bahujan Samaj Party (BSP) के बीच अब Azad Samaj Party भी एक बड़ी ताकत बनकर उभर रही है।
🔥 बसपा पर हमला, बहुजन राजनीति के सूखे का आरोप
चंद्रशेखर ने सीधे तौर पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) को पिछले 15 सालों के बहुजन राजनीति के सूखे के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा,
“अगर बसपा ने अपने कर्तव्यों का पालन किया होता, तो हमें आज पार्टी खड़ी करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।”
उन्होंने यह भी कहा कि बहुजन समाज के साथ जुल्म और अत्याचार हो रहा है, और अब समय है कि लोग वास्तविक प्रतिनिधि चुनें।
🛡️ सेना, जाति और सरकार की नीतियों पर दो टूक
पहलगाम हमले में शहीद हुए बिहार के तीन जवानों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने सीजफायर नीति पर केंद्र सरकार को घेरा और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।
उन्होंने यह भी कहा:
“सेना की कोई जाति या धर्म नहीं होता। जो भी सेना में जाति की राजनीति करेगा, वह देशद्रोही है।”
🧾 जातीय जनगणना और सामाजिक न्याय की बात
चंद्रशेखर ने जातीय जनगणना पर समयसीमा तय करने की मांग करते हुए कहा कि यह विषय केवल चुनावी जुमला बनकर न रह जाए।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सामाजिक न्याय, संवैधानिक अधिकार और आर्थिक समानता के लिए प्रतिबद्ध है।
🗣️ निष्कर्ष:
Chandrashekhar Azad Ravan अब न केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, बल्कि यूपी की राजनीति में तीव्र उभरती शक्ति भी बन चुके हैं।
उनका फोकस है—2027 विधानसभा चुनाव, लेकिन इसकी नींव वो आज पंचायत चुनाव से डाल रहे हैं।
अगर वर्तमान दलों से जनता निराश है, तो Azad Samaj Party एक नया विकल्प बनकर सामने आ रही है।
क्या आप मानते हैं कि चंद्रशेखर आजाद रावण उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदल सकते हैं?
अपना मत कमेंट में जरूर बताएं।
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